हरियाणा

गांव धरौदी में भूख हड़ताल पर बैैैठी 8 महिलाओं सहित एक पुरूष की हालत बिगड़ी

सत्यखबर, नरवाना (सन्दीप श्योरान) :-

गांव धरौदी में भाखड़ा नहर से धरौदी माइनर को जोडऩे के लिए 33 दिन से धरने पर बैठे 11 गांवों के ग्रामीणों की मांग को लेकर धरौदी माइनर संघर्ष समिति के प्रधान अमित धरौदी के नेतृत्व में 6 व्यक्ति सोमवार को मुख्यमंत्री से मिले, लेकिन अधिकारियों ने इन गांवों में केवल पीने के पानी की पाइप लाइन बिछाने की ही बात कही, जिस पर कमेटी के सदस्य ने कहा कि उनको पीने के पानी के साथ खेतों की सिंचाई के लिए पानी चाहिए। ताकि खेतों में अच्छी फसल हो सके। परंतु अधिकारियों ने केवल पीने के पानी की बात कही, तो कमेटी के सदस्य वापिस आ गये और उन्होंने अपना धरना जारी रखने की बात कही। वहीं धरने पर भूख हड़ताल पर बैैठी 8 बुजुर्ग महिलाओं गांव फरैण कलां वासी शांति, होशियारी, नीलम, चंद्रपति, सुमित्रा, गांव धरौदी वासी ओमपति, रजिया, शंकुतला तथा गांव खानपुर वासी रामकुमार की तबीयत बिगड़ गई। जिससे प्रशासन के हाथ-पांव फूल गये और उनको तुरंत नागरिक अस्पताल ले जाया गया। जहां डॉक्टरों ने उनको अस्पताल में दाखिल कर लिया। जहां डॉक्टरों द्वारा उनका उपचार किया गया। डॉक्टरों ने बताया कि महिलाओं की तबियत बिगडऩे का कारण शरीर में पानी की कमी और कमजोरी रही है। वहीं रामकुमार को हाई ब्लड प्रैशर हो गया था। डॉक्टरों नेे बताया कि महिलाओं की हालत सामान्य हैं। इसके अलावा धरने में शामिल गांव खानपुर वासी मांगेराम जब धरने से अपने गांव जा रहा था, तो गांव धरौदी के पास हृदयघात होने पर निधन हो गया। जिस पर धरने पर बैठे ग्रामीणों ने दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धाजंलि दी।

मुख्यमंत्री मनोहर लाल की नियत है साफ
धरौदी माइनर संघर्ष समिति के 6 लोग चंडीगढ़ में मुख्यमंत्री मनोहर लाल व अन्य अधिकारियों से मिले। कमेटी के सदस्यों ने बताया कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल की नियत साफ हैं, वे धरौदी माइनर में भाखड़ा नहर का पानी देना चाहते हैं। लेकिन सिंचाई विभाग के अधिकारी ही मुख्यमंत्री को गुमराह करने का काम कर रहे हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री को बताया हुआ है कि इससे राजस्थान व अन्य इलाकों का पानी कटेगा। जबकि ऐसा कोई बात नहीं हैं, यह सब राजनीति के कारण 11 गांवों के लोगों को पानी नहीं मिल पा रहा है।

24 जुलाई को लेगी खापें अहम फैसला
धरने पर बैैठे ग्रामीणों ने कहा कि अब वे किसी के बहकावे में नहीं आने वाले हैं। वे धरौदी माइनर में पानी लाकर रहेंगे, इसके लिए उनको अपनी कुर्बानी क्यों न देनी पड़ी। ग्रामीणों ने कहा कि 30 साल से वे पानी के लिए चुप बैठे थें, लेकिन समय के साथ नीचे का पानी खराब होने पर वो जहर बन गया है। जिससे बच्चों से लेकर बुजुर्गों को गंभीर रोग हो चुके हैं। जिससे वे तिल-तिलकर मर रहे हैं। ग्रामीणोंं ने कहा कि खापों का समर्थन मिल रहा है, जिससे उनके हौंसले बुलंद हैं। उन्होंने कहा कि अब 24 जुलाई को ही खापों के लोग अहम फैसला लेंगे और उसके बाद ही आगे की रणनीति बनाई जायेगी। वहीं ग्रामीणों ने काली तीज पर्व मनाने का फैसला लिया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button